किसी को बिना बताए उसे सोशल मीडिया पर ट्रैस करना या उसके बारे में जानकारी जुटाना ऑनलाइन स्टॉकिंग (जासूसी) कहलाता है। कई लोग इसके शिकार आसानी से बन जाते हैं। इसकी वजह है ऑनलाइन स्टॉकिंग के बारे में लोगों को कम जानकारी का होना। आजकल ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
अगर आप सोशल मीडिया पर ज्यादा ऐक्टिव भी नहीं हैं तो सिर्फ वॉट्सऐप के जरिए भी आप इसका शिकार हो सकते हैं। ऐसे काम में माहिर लोग वॉट्सऐप पर सिर्फ एक फोटो के माध्यम से आपकी लोकेशन जान सकते हैं। इसके बाद आपको परेशान कर सकते हैं। यहां हम बता ररहे हैं कि आप किस तरह से ऑनलाइन स्टॉकिंग में फंस सकते हैं...
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ऐसे काम करता हैं स्टॉकर
आपके पास किसी अनजान नंबर से वॉट्सऐप पर एक मेसेज आता है। मेसेज में कोई छोटा सा लिंक दिया हुआ होता है जो दिखने में बिल्कुल गूगल के लिंक जैसा होता है। भेजे गए मेसेज में सेंडर आपको उस लिंक पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करेगा। आजकल मेसेज भेजने वाले नई सरकारी स्कीम्स या सिलेब्रिटी के नाम पर लोगों को क्लिक करने के लिए उकसाते हैं।
इस पर क्लिक करने से यूजर को कोई भी फनी फोटो या फिर कोई भी न्यूज क्लिप दिखाई जाती है। ऐसे में कभी यूजर इस मेसेज को डिलीट कर देता है और कभी उसे नहीं करता। ऐसे में यूजर यह महसूस नहीं कर पाता है कि सिर्फ एक लिंक पर क्लिक करने से आपने स्टॉकर को अपने लोकेशन शेयर कर दी है। जी हां, यह सच है। आगे जानिए यह सब कैसे होता है...
पर्दे के पीछे यह करता है स्टॉकर...
आपको स्टॉक करने वाला शख्स मल्टिमीडिया फाइल का एक मास्कड लिंक बनाता है। यह लिंक IP लॉगर क्लाइंट के जरिए बनाया जाता है। इंटरनेट पर कई IP लॉगर वेबसाइट्स मौजूद हैं जो आप सिर्फ एक गूगल सर्च करके जान सकते हैं। लिंक बनाने के बाद स्टॉकर वह लिंक आपके वॉट्सऐप नंबर पर भेजता है। मेसेज भेजते वक्त वह ऐसेा कुछ लिखता है जिससे आप लिंक पर क्लिक करने के लिए उत्सुक हो जाते हैं। जैसे: चेक करें 10 साल बाद ऐसे दिखेंगे आप या फिर सरकार हर किसी को दे रही स्कॉलरशिप क्लिक कर जानें।
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जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं। आपका IP अड्रेस उस स्टॉकर के पास पहुंच जाता है। इसके बाद स्टॉकर किसी IP ट्रैकर की सहायता से आपकी वास्तविक लोकेशन जान जाता है। अगर उसका मकसद आपको नुकसान पहुंचाना है या फिर फिरौती की मांग करना है तो ऐसी लोकेशन शेयर होना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
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तसल्ली की बात सिर्फ इतनी है कि इंटरनेट पर अभी कम ही IP Loggers और IP Trackers हैं जो लोकेशन की एकदम सही जानकारी दे सकते हैं लेकिन थोड़ी सी खोज करके स्टॉकर आपके बारे में जानकारी पता कर सकता है। कोई भी ट्रैकर आपके जिले का नाम और गांव का नाम यहां तक कि आपके सबसे पास का मोबाइल टावर भी बता सकता है।
इसके बाद स्टॉकर आराम से आपके पास के पूरे एरिया घूमकर आपके बारे में कई जानकारियां इकठ्ठा करके आपको परेशान कर सकता है। इसलिए ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सारी बातें सोच लें। मेसेज में आई लिंक की सच्चाई या ओरिजनल लिंक जानने के लिए आप getlinkifno.com या ऐसी ही साइट्स की मदद ले सकते हैं। इनकी मदद से आप अनमास्कड लिंक की सच्चाई आसानी से जान सकते हैं।
जानें: साल 2018 में इतना बदल गया
वॉट्सऐप दुनिया में सबसे ज्यादा पॉप्युलर मेसेंजिंग ऐप है। इस साल फरवरी में इसके 1.5 बिलियन मासिक ऐक्टिव यूजर्स रिकॉर्ड किए गए थे। जबरदस्त सफलता के बाद भी यूजर्स को और बेहतर अनुभव देने के लिए वॉट्सऐप लगातार अपने मोबाइल ऐप को अपडेट कर रहा है। भारत में यूपीआई आधारित पेमेंट की सुविधा हो या ग्रुप ऐडमिन को अच्छा कंट्रोल देने का ऑप्शन, 2018 में वॉट्सऐप में ऐसे कई अपडेट्स हुए हैं। आइये आपको इस साल वॉट्सऐप में हो चुके और होने वाले अपडेट्स के बारे में बताते हैं।
भारत में इस साल वॉट्सऐप पेमेंट्स की सुविधा शुरू की गई, जो कंपनी के बड़े लॉन्च में से एक है। यूपीआई पिन का इस्तेमाल कर वॉट्सऐप पेमेंट्स से आप आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यह सुविधा ऐंड्रॉयड, आईफोन और विंडोज फोन पर उपलब्ध है।
वॉट्सऐप ने इसी साल अपने यूजर्स को डेटा डाउनलोड करने की भी सुविधा दी। इस सुविधा का इस्तेमाल करके आप वॉट्सऐप पर अपना अकाउंट बनाने से लेकर अभी तक का डेटा डाउनलोड कर सकते हैं।
वॉट्सऐप ने इस साल ग्रुप ऐडमिन के कंट्रोल में भी इजाफा किया है। इस फीचर से किसी वॉट्सऐप ग्रुप का ऐडमिन उस ग्रुप के सदस्यों द्वारा भेजे जाने वाले मेसेज को कंट्रोल कर सकता है।
वॉट्सऐप ने इस साल आईफोन में वॉट्सऐप पर सीरी के माध्यम से ग्रुप मेसेज भेजने की सुविधा शुरू की। इससे पहले इसके इस्तेमाल से एक यूजर को मेसेज भेजा जा सकता था।
पॉप्युलर मेसेंजिंग ऐप वॉट्सऐप ने अपना बहुप्रतीक्षित फीचर ग्रुप विडियो और ग्रुप वॉइस कॉलिंग भी लॉन्च कर दिया। इस फीचर से यूजर एक साथ चार लोगों को कनेक्ट कर ग्रुप विडियो कॉल या वॉइस कॉल कर सकता है।
वॉट्सऐप ने बीटा वर्जन में संदिग्ध लिंक इंडिकेटर (Suspicious link indicator) फीचर दिया है। स्पैम जैसी समस्याएं दूर करने के लिए यह फीचर दिया है।
फेक न्यूज पर कंट्रोल करने के लिए वॉट्सऐप ने यह फीचर शुरू किया। अब एक ही मेसेज को 5 बार से ज्यादा फॉरवर्ड नहीं किया जा सकेगा। इससे उन मेसेज पर लगाम लगाने में आसानी होगी, जिनको बिना सोचे समझे लोग फॉरवर्ड कर देते हैं।
जियो फोन में अभी तक वॉट्सऐप की सुविधा लोगों को नहीं मिलती थी। 15 अगस्त से जियो फोन और जियो फोन 2 में वॉट्सऐप की सुविधा मिलने लगेगी।
आपको वॉट्सऐप पर कोई मेसेज भेज रहा है और आप उसे म्यूट करना चाहते हैं, तो अब ऐप खोलने की जरूरत नहीं है। आपकी स्क्रीन पर आए मेसेज नोटिफिकेशन पर कुछ देर प्रेस करने पर वहीं म्यूट का ऑप्शन शो होगा, जिससे उस यूजर को म्यूट कर सकते हैं।
इस फीचर से आप किसी यूजर द्वारा भेजे गए या ग्रुप पर आए हुए मीडिया कंटेंट को डाउनलोड करके उसे चैट में ही रख सकते हैं। डाउनलोड किया गया मीडिया कंटेंट आपके फोन की गैलरी में नहीं दिखेगा।
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