नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीएसई की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है। दरअसल बोर्ड की ओर से मुंबई हाई कोर्ट के 15 जून के आदेश को अवैध करार करने की अपील की गई थी। अपने उस फैसले में हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीएसई सुप्रीम कोर्ट के बताए फॉर्म्युला के आधार पर उन 24 परीक्षार्थियों को अतिरिक्त अंक दें, जिन्हें प्रश्नपत्र हल करने की अनुमति निरीक्षक की गलती के चलते 30 मिनट देर से मिली थी।
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यहां बता दें कि यह मामला महाराष्ट्र के नागपुर जिले में आयोजित NEET 2018 परीक्षा के एक केंद्र से जुड़ा हुआ है। जस्टिस एस अब्दुल नजीर और इंदु मल्होत्रा की वकेशन बेंच ने निर्देश देते हुए कहा है कि दस दिनों के भीतर हाई कोर्ट के आदेश का पालन सीबीएसई की ओर से किया जाए। इस बारे में सीबीएसई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके द्वारा अपील की गई कि 15 जून के हाई कोर्ट के आदेश को अवैध करार दिया जाए। बता दें, देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस कोर्स में ऐडमिशन के लिए हुई NEET परीक्षा इस साल 6 मई को हुई थी।
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याचिकाकर्ता वैष्णवी संदीप मनियार ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करते हुए बताया कि परीक्षा के लिए तय समय सुबह 10 बजे का था। मगर उनके केंद्र के निरीक्षक की ओर से सभी को 10.30 बजे से प्रश्नपत्र लिखने की अनुमति प्रदान की गई। यहां बता दें कि इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नैशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में ऐडमिशन के लिए हुए CLAT (कॉमन ला ऐडमिशन टेस्ट) में परीक्षार्थियों को अतिरिक्त अंक देने का आदेश दिया गया था, जिन्हें तकनीकी रुकावट के चलते प्रश्नपत्र हल करने का कम समय दिया गया था। हालांकि, NEET परीक्षा से जुड़े हालिया मामले में हाई कोर्ट ने सीबीएसई से कहा है कि वह 22 जून तक उन सभी परीक्षार्थियों की अतिरिक्त अंक सहित सही मार्कशीट जारी करें। इसके साथ ही उन्हें एमबीबीएस कोर्स में ऐडमिशन के लिए हो रहे दूसरे चरण के काउंसलिंग के भी योग्य माना जाए।
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यहां बता दें कि यह मामला महाराष्ट्र के नागपुर जिले में आयोजित NEET 2018 परीक्षा के एक केंद्र से जुड़ा हुआ है। जस्टिस एस अब्दुल नजीर और इंदु मल्होत्रा की वकेशन बेंच ने निर्देश देते हुए कहा है कि दस दिनों के भीतर हाई कोर्ट के आदेश का पालन सीबीएसई की ओर से किया जाए। इस बारे में सीबीएसई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके द्वारा अपील की गई कि 15 जून के हाई कोर्ट के आदेश को अवैध करार दिया जाए। बता दें, देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस कोर्स में ऐडमिशन के लिए हुई NEET परीक्षा इस साल 6 मई को हुई थी।
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याचिकाकर्ता वैष्णवी संदीप मनियार ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करते हुए बताया कि परीक्षा के लिए तय समय सुबह 10 बजे का था। मगर उनके केंद्र के निरीक्षक की ओर से सभी को 10.30 बजे से प्रश्नपत्र लिखने की अनुमति प्रदान की गई। यहां बता दें कि इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नैशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में ऐडमिशन के लिए हुए CLAT (कॉमन ला ऐडमिशन टेस्ट) में परीक्षार्थियों को अतिरिक्त अंक देने का आदेश दिया गया था, जिन्हें तकनीकी रुकावट के चलते प्रश्नपत्र हल करने का कम समय दिया गया था। हालांकि, NEET परीक्षा से जुड़े हालिया मामले में हाई कोर्ट ने सीबीएसई से कहा है कि वह 22 जून तक उन सभी परीक्षार्थियों की अतिरिक्त अंक सहित सही मार्कशीट जारी करें। इसके साथ ही उन्हें एमबीबीएस कोर्स में ऐडमिशन के लिए हो रहे दूसरे चरण के काउंसलिंग के भी योग्य माना जाए।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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