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Thursday 23 August 2018

सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली
एजुकेशन डिपार्टमेंट ने फीस बढ़ोतरी वापस लेने के लिए 195 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजा था। नोटिस के बाद 128 स्कूलों ने सरकार को बताया है कि वे बढ़ी हुई फीस वापस ले रहे हैं। इनमें से कुछ स्कूल पैरंट्स को फीस लौटा रहे हैं और कुछ अगले महीनों की फीस में अजस्ट कर रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश के बाद स्कूलों को नोटिस भेजे गए थे। दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मौजूदा सेशन में बढ़ी हुई फीस से पहले का पुराना फीस स्ट्रक्चर ही लागू होगा। फीस वापस लेने के फैसले से 128 स्कूलों के 203055 स्टूडेंट्स को फायदा होगा। फीस वापसी की स्कूलों की लिस्ट में बड़े-बड़े नाम भी शामिल हैं।

अधिकारी का कहना है कि 195 स्कूलों में से 67 स्कूलों ने सरकार के निर्देशों को नहीं माना है। अब इन स्कूलों को एक बार फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। ये स्कूल मनमानी फीस बढ़ोतरी पर रोक के सरकार के निर्देशों के बावजूद बढ़ी हुई फीस वसूल रहे हैं। अब इन स्कूलों को ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। बढ़ी हुई फीस नहीं वसूली जा सकती और इस बारे में एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कारण बताओ नोटिस के बाद भी स्कूल अगर बढ़ी हुई फीस वसूलना जारी रखेंगे तो सरकार इन स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

मिलेंगे डेप्युटी सीएम
सरकार ने बढ़ी हुई फीस वापस करने वाले 128 प्राइवेट स्कूलों के फैसले का स्वागत किया है। इन सभी स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ डेप्युटी सीएम मीटिंग करेंगे। सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि दिल्ली में एजुकेशन सिस्टम में प्राइवेट स्कूलों की भी अहम भूमिका है। सरकार की एकमात्र चिंता इन प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस बढ़ोतरी को लेकर है। सरकार इन स्कूलों के रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करती। मगर, फीस बढ़ोतरी पर पैरंट्स की शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह लाखों पैरंट्स की समस्या है। डेप्युटी सीएम प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे और उनसे चर्चा करेंगे कि दिल्ली में एजुकेशन सिस्टम को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। सरकार प्राइवेट स्कूलों के सहयोग से मौजूदा सिस्टम को बेहतर से बेहतर बनाना चाहती है।

बढ़ी फीस नहीं ले सकते स्कूल
सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि कोर्ट के आदेशों से साफ है कि प्राइवेट स्कूल मौजूदा सेशन में बढ़ी हुई फीस नहीं वसूल सकते। स्कूलों को फीस बढ़ोतरी का पहले प्रपोजल देना होता है और उसके बाद सरकार स्कूलों के अकाउंट्स की जांच करने के बाद फैसला लेती है। सरकार ने अभी तक जितने स्कूलों के अकाउंट्स की जांच की है, उनके आधार पर ज्यादातर स्कूलों के प्रपोजल को रिजेक्ट किया गया है। स्कूलों के पास काफी फंड है।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com

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