केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई) ने अपने उस पुराने निर्देश पर फिर जारी किया है, जिसमें कक्षा एक और दूसरी के विद्यार्थियों को होमवर्क नहीं दिए जाने की बात कही गई थी। मद्रास हाई कोर्ट के इस साल मई में दिए गए आदेश के बाद यह निर्देश जारी हुए थे।
सीबीएसई ने 17 अप्रैल 2007 को जारी एक और निर्देश को भी दोहराते हुए सर्कुलर दिया है, जिसमें बच्चों के स्कूल बैग्स का वजन कम करने संबंधी निर्देश दिए गए थे।
इन सर्कुलर की कॉपी निदेशालय के प्रमुखों, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, केंद्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन को भेजी गई हैं। उन्हें अपने क्षेत्राधिकार के तहत संबंधित सभी स्कूलों को जानकारी देने के लिए भी कहा गया है।
बोर्ड ने कहा कि सीबीएसई संबंधित स्कूलों को उनके नियमों के अनुसार स्कूल बैग और पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क नहीं देने के परामर्श को लागू करना होगा।
बता दें कि, मद्रास हाई कोर्ट के 30 मई के एक अंतरिम आदेश में केंद्र से कहा गया था कि वह राज्य सरकारों को यह निर्देश जारी करे कि वे स्कूली बच्चों के बस्ते का भार घटाएं और पहली व दूसरी क्लास के बच्चों को होमवर्क से छुटकारा दिलाएं। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया था कि राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि स्कूली बस्ते का भार बच्चे के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक न हो।
सीबीएसई ने 17 अप्रैल 2007 को जारी एक और निर्देश को भी दोहराते हुए सर्कुलर दिया है, जिसमें बच्चों के स्कूल बैग्स का वजन कम करने संबंधी निर्देश दिए गए थे।
इन सर्कुलर की कॉपी निदेशालय के प्रमुखों, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, केंद्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन को भेजी गई हैं। उन्हें अपने क्षेत्राधिकार के तहत संबंधित सभी स्कूलों को जानकारी देने के लिए भी कहा गया है।
बोर्ड ने कहा कि सीबीएसई संबंधित स्कूलों को उनके नियमों के अनुसार स्कूल बैग और पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क नहीं देने के परामर्श को लागू करना होगा।
बता दें कि, मद्रास हाई कोर्ट के 30 मई के एक अंतरिम आदेश में केंद्र से कहा गया था कि वह राज्य सरकारों को यह निर्देश जारी करे कि वे स्कूली बच्चों के बस्ते का भार घटाएं और पहली व दूसरी क्लास के बच्चों को होमवर्क से छुटकारा दिलाएं। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया था कि राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि स्कूली बस्ते का भार बच्चे के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक न हो।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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