नई दिल्ली
शाओमी इन दिनों भारत में स्मार्टफोन्स की बिक्री के मामले में सैमसंग से आगे हैं। चीनी कंपनी ने कम कीमत में हाई-ऐंड स्पेसिफेकिशन वाले फोन्स लॉन्च कर ग्राहकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी के पूर्व वाइस प्रेजिडेंट ने शाओमी फोन्स की कम कीमत के बारे में अब विस्तार से जानकारी साझा की है। उनके मुताबिक, Xiaomi अपने मॉडल्स में एक जैसे कंपोनेन्ट्स का इस्तेमाल कर रही है, जिससे फिजिकल रिटेल में कीमतें कम हुईं (हालांकि अब इनमें बढ़ोतरी हो रही है)। इसके अलावा, चीन के बेहद मजबूत मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम से भी कंपनी को फायदा मिलता है।
इतना ही नहीं, शाओमी की कोशिश है कि अपने फोन्स पर मिलने वाले बेहद कम फायदे (5 प्रतिशत से भी कम) को बढ़ाने की कोशिश में है। कंपनी अपने फोन्स में विभिन्न ऐप्स और ओएस में विज्ञापनों के जरिए पैसा कमा रही है। सोमवार को एक ट्विटर यूजर ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें किसी ऐप पर नहीं, बल्कि फोन के सेटिंग्स पेज पर ऐड्स दिख रहे हैं। लेकिन शाओमी का कस्टम यूआई आपके क्लिक किए बना ही इन विज्ञापनों को दिखा रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं है जबकि शाओमी के फोन्स में ऐसा देखा गया है। इससे पहले मई में इसी साल, बेंगलुरू के टीचर ने बताया था कि शाओमी के ऐप स्टोर (कंपनी के फोन में गूगल प्ले के अलावा कंपनी का ऐप स्टोर भी होता है) में एक उन्हें एक ऐड दिख रहा था। इस ऐड में एक महिला को लॉन्जरी पहने दिखाया गया था और उस पर लिखा था, 'How to download best videos? Click here now!' शाओमी ने तब कहा था कि इन विज्ञापनों को एक थर्ड-पार्टी नेटवर्क द्वारा दिए जाते हैं और कंपनी इन्हें रिव्यू नहीं करती है।
अब लेटेस्ट खुलासे के बाद, यूजर्स ने बताया है कि इन सिस्टम ऐड्स को सेटिंग्स पेज पर रिकमंडेशन्स को टर्न ऑफ कर डिसेबल किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात है कि कंपनी की प्रिवेसी पॉलिसी में साफ लिखा है कि 'आपके द्वारा दी गई सभी जानकारी' को कंपनी कलेक्ट करती है। इनमें फोन नंबर, कॉन्टैक्ट्स, आपकी क्लाउड स्टोरेज पर सिंक किए गए फोटोज़ भी शामिल हैं। अगर भारत की डेटा प्रिवेसी पॉलिसी लागू हो जाती है तो कंपनी को हर यूजर से फोन का इस्तेमाल शुरू करने से पहले परमिशन लेने की जरूरत होगी।
शाओमी इन दिनों भारत में स्मार्टफोन्स की बिक्री के मामले में सैमसंग से आगे हैं। चीनी कंपनी ने कम कीमत में हाई-ऐंड स्पेसिफेकिशन वाले फोन्स लॉन्च कर ग्राहकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी के पूर्व वाइस प्रेजिडेंट ने शाओमी फोन्स की कम कीमत के बारे में अब विस्तार से जानकारी साझा की है। उनके मुताबिक, Xiaomi अपने मॉडल्स में एक जैसे कंपोनेन्ट्स का इस्तेमाल कर रही है, जिससे फिजिकल रिटेल में कीमतें कम हुईं (हालांकि अब इनमें बढ़ोतरी हो रही है)। इसके अलावा, चीन के बेहद मजबूत मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम से भी कंपनी को फायदा मिलता है।
इतना ही नहीं, शाओमी की कोशिश है कि अपने फोन्स पर मिलने वाले बेहद कम फायदे (5 प्रतिशत से भी कम) को बढ़ाने की कोशिश में है। कंपनी अपने फोन्स में विभिन्न ऐप्स और ओएस में विज्ञापनों के जरिए पैसा कमा रही है। सोमवार को एक ट्विटर यूजर ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें किसी ऐप पर नहीं, बल्कि फोन के सेटिंग्स पेज पर ऐड्स दिख रहे हैं। लेकिन शाओमी का कस्टम यूआई आपके क्लिक किए बना ही इन विज्ञापनों को दिखा रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं है जबकि शाओमी के फोन्स में ऐसा देखा गया है। इससे पहले मई में इसी साल, बेंगलुरू के टीचर ने बताया था कि शाओमी के ऐप स्टोर (कंपनी के फोन में गूगल प्ले के अलावा कंपनी का ऐप स्टोर भी होता है) में एक उन्हें एक ऐड दिख रहा था। इस ऐड में एक महिला को लॉन्जरी पहने दिखाया गया था और उस पर लिखा था, 'How to download best videos? Click here now!' शाओमी ने तब कहा था कि इन विज्ञापनों को एक थर्ड-पार्टी नेटवर्क द्वारा दिए जाते हैं और कंपनी इन्हें रिव्यू नहीं करती है।
अब लेटेस्ट खुलासे के बाद, यूजर्स ने बताया है कि इन सिस्टम ऐड्स को सेटिंग्स पेज पर रिकमंडेशन्स को टर्न ऑफ कर डिसेबल किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात है कि कंपनी की प्रिवेसी पॉलिसी में साफ लिखा है कि 'आपके द्वारा दी गई सभी जानकारी' को कंपनी कलेक्ट करती है। इनमें फोन नंबर, कॉन्टैक्ट्स, आपकी क्लाउड स्टोरेज पर सिंक किए गए फोटोज़ भी शामिल हैं। अगर भारत की डेटा प्रिवेसी पॉलिसी लागू हो जाती है तो कंपनी को हर यूजर से फोन का इस्तेमाल शुरू करने से पहले परमिशन लेने की जरूरत होगी।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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