नई दिल्ली
अलग-अलग कंपनियों की ओर किसी भी वक्त आने वाली कॉल से आप परेशान हैं, तो अब इससे निजात मिल जाएगी। ट्राई ने अब लोगों के पास ऐसे कॉल को कंट्रोल करने के लिए कई फिल्टर मुहैया कराए हैं। नई व्यवस्था 1 अक्टूबर 2018 से लागू हो जाएगी। टेली मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को तब तक इस दिशा में सिस्टम में जरूरी बदलाव करने का निर्देश दे दिए गए हैं। इन पर अमल न करने से न सिर्फ कंपनी पर भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि अपराधिक केस भी दर्ज किया जा सकता है। ट्राई की नई पहल के बाद उपभोक्ताओं को 1 अनचाहे कॉल से बड़ी राहत मिल सकती है।
प्रस्तावित नए नियम:
क्या कार्रवाई की, बताना होगा:
ट्राई ने ऐसे अनचाही कर्मशल कॉल पर बंदिश के लिए 2010 में गाइडलाइंस बनाया था। इसके बाद इसमें दो बार संशोधन किए गए। लेकिन हालात में खास सुधार नहीं आया। अब ट्राई ने इस मामले में बड़ा बदलाव किया है। ट्राई ने लोगों को ऐसे कॉल या मेसेज में फिल्टर लगाने के कई विकल्प दिए हैं। नई व्यवस्था के तहत ग्राहक महज एक मेसेज भेज कर अनचाही कॉल या मेसेज के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। उन्हें कंपनी को शिकायत के मद्देनजर कार्रवाई का पूरा ब्योरा देना होगा। साथ ही सभी कमर्शल संदेश या मेसेज देने वालों को अपनी एजेंसी के डिटेल ग्राहक को बताना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर वे उनकी शिकायत कर सकेंगे।
रोबो कॉल से बढ़ी परेशानी:
दरअसल, 'डू नॉट डिस्टर्ब' में रिजस्टर करवाने के बाद भी लोगों को कई कमर्शल-प्रोमोशनल कॉल लगातार मिल रहे हैं। इन कॉल्स के अलावा कई साइलेंट, ऑटो डायलर या रोबो कॉल भी आने लगे हैं। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। साथ ही बैंक या दूसरे संगठन ग्राहक से जरूरी लेनदेन का मैसेज भेजने की सहमित लेने के बाद तमाम प्रमोशनल मैसेज भेजने लगते हैं। इससे भी समस्या बढ़ी। अभी ग्राहक और ऐसी संस्था के बीच सहमित की बात और शर्तें साफ नहीं थीं। अगर इसमें एक बार रजिस्टर्ड हो गए, तो कई जरूरी सेवाएं प्रभावित हो जाती हैं। ऐसे में नए नियम में लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से इसे बांटा गया है ताकि उनका काम भी प्रभावित न हो और ऐसे अनचाही कॉल का भी सामना न करना पड़े। इसके साथ ही सहमित लेने की शर्तें भी कठिन कर दी गई है।
अलग-अलग कंपनियों की ओर किसी भी वक्त आने वाली कॉल से आप परेशान हैं, तो अब इससे निजात मिल जाएगी। ट्राई ने अब लोगों के पास ऐसे कॉल को कंट्रोल करने के लिए कई फिल्टर मुहैया कराए हैं। नई व्यवस्था 1 अक्टूबर 2018 से लागू हो जाएगी। टेली मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को तब तक इस दिशा में सिस्टम में जरूरी बदलाव करने का निर्देश दे दिए गए हैं। इन पर अमल न करने से न सिर्फ कंपनी पर भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि अपराधिक केस भी दर्ज किया जा सकता है। ट्राई की नई पहल के बाद उपभोक्ताओं को 1 अनचाहे कॉल से बड़ी राहत मिल सकती है।
प्रस्तावित नए नियम:
- प्रमोशन की कैटिंगरी तय की गई है। ये हैं- बैंक, कार्ड, बीमा या दूसरे वित्तीय प्रोडक्ट, हेल्थ, एजुकेशन, ट्रैवल-टूरिज्म, रियल इस्टेट, खान-पान, कंज्यूमर प्रोडक्ट और ऑटोमोबाइल, आईटी, मनोरजंन। उपभोक्ता इनमें से चुनाव कर सकते हैं कि किसमें प्रमोशन कॉल चाहिए।
- उपभोक्ता 1909 पर कॉल या मैसेज कर अपने हिसाब से प्रमोशन कॉल के विकल्पों को चुन सकेंगे।
- किसी भी कैटेगरी को नहीं चुनने या सभी कैटेगरी को चुनने का विकल्प भी होगा। जिन विकल्प को उन्होंने नहीं चुना है, अगर उससे कॉल आती हैं तो कंपनी को इसका मुआवजा देना होगा।
- उपभोक्ता हफ्ते का कोई दिन और खास दो घंटे का वक्त तय कर सकते हैं जिस दौरान उन्हें ऐसी कॉल रिसीव करनी है। इसी तय दिन और समय पर उन्हें प्रमोशन कॉल आएगी। वे साल में सभी छुट्टी के दिन का भी विकल्प चुन सकते हैं।
क्या कार्रवाई की, बताना होगा:
ट्राई ने ऐसे अनचाही कर्मशल कॉल पर बंदिश के लिए 2010 में गाइडलाइंस बनाया था। इसके बाद इसमें दो बार संशोधन किए गए। लेकिन हालात में खास सुधार नहीं आया। अब ट्राई ने इस मामले में बड़ा बदलाव किया है। ट्राई ने लोगों को ऐसे कॉल या मेसेज में फिल्टर लगाने के कई विकल्प दिए हैं। नई व्यवस्था के तहत ग्राहक महज एक मेसेज भेज कर अनचाही कॉल या मेसेज के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। उन्हें कंपनी को शिकायत के मद्देनजर कार्रवाई का पूरा ब्योरा देना होगा। साथ ही सभी कमर्शल संदेश या मेसेज देने वालों को अपनी एजेंसी के डिटेल ग्राहक को बताना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर वे उनकी शिकायत कर सकेंगे।
रोबो कॉल से बढ़ी परेशानी:
दरअसल, 'डू नॉट डिस्टर्ब' में रिजस्टर करवाने के बाद भी लोगों को कई कमर्शल-प्रोमोशनल कॉल लगातार मिल रहे हैं। इन कॉल्स के अलावा कई साइलेंट, ऑटो डायलर या रोबो कॉल भी आने लगे हैं। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। साथ ही बैंक या दूसरे संगठन ग्राहक से जरूरी लेनदेन का मैसेज भेजने की सहमित लेने के बाद तमाम प्रमोशनल मैसेज भेजने लगते हैं। इससे भी समस्या बढ़ी। अभी ग्राहक और ऐसी संस्था के बीच सहमित की बात और शर्तें साफ नहीं थीं। अगर इसमें एक बार रजिस्टर्ड हो गए, तो कई जरूरी सेवाएं प्रभावित हो जाती हैं। ऐसे में नए नियम में लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से इसे बांटा गया है ताकि उनका काम भी प्रभावित न हो और ऐसे अनचाही कॉल का भी सामना न करना पड़े। इसके साथ ही सहमित लेने की शर्तें भी कठिन कर दी गई है।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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