नई दिल्ली
ऐसा लगता है कि वॉट्सऐप को टक्कर देने के लिए लॉन्च किए गए 'स्वदेशी वॉट्सऐप' किंभो वापसी के लिए तैयार है। पतंजलि का किंभो ऐप अब पूरी तैयारी के साथ दोबारा लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि किंभो ऐप को पिछले महीने के आखिर में लॉन्च किया गया था लेकिन ऐप में आई परेशानी और विवादों के बाद पतंजलि ने गूगल प्ले स्टोर से ऐप को हटा लिया था। खराब इंटरफेस और सिक्यॉरिटी में खामी जैसी कमियों के बाद ऐप की कड़ी आलोचना हुई थी। प्ले स्टोर से हटाए जाने के बाद किंभो की वेबसाइट भी उपलब्ध नहीं थी।
पतंजलि की योजना कुछ हफ्तों के अंदर ही किंभो को दोबार लॉन्च करने की है लेकिन उससे पहले कंपनी प्रतिद्वंदी ऐप्स के लिए किंभो को पूरी तरह से सक्षम बनाना चाहती है। ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'हम ऐप को तब तक लॉन्च नहीं करेंगे जब तक कि सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट और हैकर्स की एक ऐक्सपर्ट टीम सिक्यॉरिटी और प्रिवेसी से जुड़ी सभी गड़बड़ियों को खत्म ना करे दें।'
बता दें कि लॉन्च होने के साथ ही किंभो ऐप पर एक दूसरे ऐप की नकल करने का आरोप लगा था। इसके अलावा एक फ्रेंच हैकर ने किंभो यूजर्स की सभी चैट को पढ़ने का भी दावा किया था और किंभो ऐप को 'सिक्यॉरिटी डिजास्टर' बताया था। इस
इन सब विवादों के बाद किंभो ऐप ने ट्वीट कर बताया, 'हमें किंभो ऐप पर ज्यादा ट्रैफिक मिल रहा है। हम सर्वर को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में हैं। असुविधा के लिए खेद है। हमारे साथ बने रहें।' ऐप की टैगलाइन है- अब भारत बोलेगा।
लॉन्च के समय पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने ट्वीट करते हुए लिखा, "अब भारत बोलेगा। सिम कार्ड लॉन्च करने के बाद बाबा रामदेव ने नई मेसेजिंग ऐप किंभो लॉन्च की है। अब वॉट्सऐप को टक्कर मिलेगी। हमारा अपना स्वदेशी मेसेजिंग प्लेटफॉर्म। इसे सीधा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।"
ऐसा लगता है कि वॉट्सऐप को टक्कर देने के लिए लॉन्च किए गए 'स्वदेशी वॉट्सऐप' किंभो वापसी के लिए तैयार है। पतंजलि का किंभो ऐप अब पूरी तैयारी के साथ दोबारा लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि किंभो ऐप को पिछले महीने के आखिर में लॉन्च किया गया था लेकिन ऐप में आई परेशानी और विवादों के बाद पतंजलि ने गूगल प्ले स्टोर से ऐप को हटा लिया था। खराब इंटरफेस और सिक्यॉरिटी में खामी जैसी कमियों के बाद ऐप की कड़ी आलोचना हुई थी। प्ले स्टोर से हटाए जाने के बाद किंभो की वेबसाइट भी उपलब्ध नहीं थी।
पतंजलि की योजना कुछ हफ्तों के अंदर ही किंभो को दोबार लॉन्च करने की है लेकिन उससे पहले कंपनी प्रतिद्वंदी ऐप्स के लिए किंभो को पूरी तरह से सक्षम बनाना चाहती है। ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'हम ऐप को तब तक लॉन्च नहीं करेंगे जब तक कि सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट और हैकर्स की एक ऐक्सपर्ट टीम सिक्यॉरिटी और प्रिवेसी से जुड़ी सभी गड़बड़ियों को खत्म ना करे दें।'
बता दें कि लॉन्च होने के साथ ही किंभो ऐप पर एक दूसरे ऐप की नकल करने का आरोप लगा था। इसके अलावा एक फ्रेंच हैकर ने किंभो यूजर्स की सभी चैट को पढ़ने का भी दावा किया था और किंभो ऐप को 'सिक्यॉरिटी डिजास्टर' बताया था। इस
इन सब विवादों के बाद किंभो ऐप ने ट्वीट कर बताया, 'हमें किंभो ऐप पर ज्यादा ट्रैफिक मिल रहा है। हम सर्वर को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में हैं। असुविधा के लिए खेद है। हमारे साथ बने रहें।' ऐप की टैगलाइन है- अब भारत बोलेगा।
लॉन्च के समय पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने ट्वीट करते हुए लिखा, "अब भारत बोलेगा। सिम कार्ड लॉन्च करने के बाद बाबा रामदेव ने नई मेसेजिंग ऐप किंभो लॉन्च की है। अब वॉट्सऐप को टक्कर मिलेगी। हमारा अपना स्वदेशी मेसेजिंग प्लेटफॉर्म। इसे सीधा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।"
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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