मुंबई
क्यूएस (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, बॉम्बे (आईआईटी-बी) ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले साल इस रैंकिंग में आईआईटी-बी 179वें पायदान पर था जबकि इस साल 17 स्थानों की उछाल के साथ 162वें नंबर पर पहुंच गया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बुधवार को जारी की गई है।
100 में से कुल 48.2 स्कोर के साथ-साथ आईआईटी-बी भारत के टॉप रैंक पाने वाले संस्थान में शामिल है। इसे ऐकडेमिक रेप्युटेशन में 52.5 स्कोर, एंप्लॉयर रेप्युटेशन में 72.9, साइटेशन पर फैकल्टी में 54.1, फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियो में 43.3, इंटरनैशल फैकल्टी में 4.4 और इंटरनैशनल स्टूडेंट्स में 1.8 स्कोर मिले हैं। सभी स्कोर अधिकतम 100 में से दिए गए हैं।
इंस्टिट्यूट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'जिन छह पैमानों पर रैंकिंग की गई हैं, उनमें से एंप्लॉयर रेप्युटेशन में आईआईटी बॉम्बे की मजबूत स्थिति है जिसमें इसे विश्व भर में 93वीं रैंक मिली है। क्यूएस द्वारा साल 2014 में जारी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स के समय से आईआईटी बॉम्बे 71 पायदान ऊपर पहुंचा है।'
पिछले साल 172वीं रैंक के साथ आईआईटी-दिल्ली टॉप रैंक पाने वाले भारतीय संस्थान में शामिल था। इस साल आईआईटी-दिल्ली भी इस रैंक में है लेकिन इसका स्थान 172 है जिसे बेंगलुरु स्थिति इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ने 170वीं रैंक लाकर पीछे छोड़ दिया है जबकि आईआईएससी बेंगलुरु की पिछले साल रैंक 190 थी। दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई का प्रदर्शन पिछले साल की तरह ही काफी खराब रहा है जिसे 801-1000 रैंकिंग के बीच रखा गया है।
आईआईटी-बी के निदेशक देवांग खाखर ने बताया, 'फैकल्टी और स्टूडेंट्स एजुकेशन और रिसर्च के मैदान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रैंकिंग में बढ़ोतरी हमारी सभी गतिविधियों में लगातार सुधार को दिखाता है।'
इस साल टॉप 500 में भारत की नौ यूनिवर्सिटियां और सात आईआईटीज-आईआईटी, मद्रास (264); आईआईटी, कानुपर (283); आईआईटी, खड़गपुर (295); यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली (487) पहुंचे हैं। 20 से ज्यादा भारतीय यूनिवर्सिटियां टॉप 1000 में शामिल हैं।
इस साल भी क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में अमेरिका संस्थानों का दबदबा रहा है। लगातार सातवें साल मैसचूसट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी ने पहली पोजिशन हासिल की है।
क्या है कॉकरेली साइमंस-क्यूएस (Quacquarelli Symonds-QS) वर्ल्ड रैंकिंग्स?
हर साल क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स प्रकाशित की जाती है। किसी भी संस्थान की रैंकिंग छह मापदंडों पर तय की जाती है जो ऐकडेमिक रेप्युटेशन, एंप्लॉयर रेप्युटेशन, फैकल्टी स्टूडेंट रेशियो, साइटेशंस पर फैकल्टी, इंटरनैशनल फैकल्टी रेशियो और इंटरनैशनल स्टूडेंट रेशियो हैं।
आईआईटी-बी की 162 रैंकिंग का विस्तृत ब्योरा
ऐकडेमिक रेप्युटेशन-52.5/100: क्यूएस किसी यूनिवर्सिटी में टीचिंग और रिसर्च क्वॉलिटी के संबंध में उच्च शिक्षा जगत से जुड़े 80,000 से ज्यादा लोगों का विचार जमा करता है। आईआईटी बॉम्बे को कंप्यूटर साइंस, सिविल, केमिकल, इलेक्ट्रिकल, मकैनिकल इंजिनियरिंग, मटीरियल्स साइंस जैसे विषयों पर खासतौर पर ज्यादा फोकस करने से यह स्कोर मिला है।
एंप्लॉयर रेप्युटेशन-72.9/100: क्यूएस एंप्लॉयर सर्वे के हिस्से के तौर पर 40,000 रिस्पॉन्स संग्रह किए गए। इसके आधार पर उन संस्थानों की पहचान की गई जो सर्वाधिक सक्षम, इनोवेटिव और प्रभावी ग्रैजुएट्स मुहैया कराते हैं। आईआईटी-बॉम्बे में हर साल दुनिया की बड़ी कंपनियां जैसे ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट और स्टार्टअप्स कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लेते हैं।
फैकल्टी स्टूडेंट रेशियो-43.3/100: प्रति छात्र फैकल्टी मेंबर्स की ज्यादा संख्या होने से शैक्षिक दबाव कम होता है। आईआईटी-बॉम्बे में 9,000 से ज्यादा छात्र हैं और 870 के करीब फैकल्टी हैं जिनमें 19 इंटरनैशनल फैकल्टी हैं। इसका मतलब है कि 10 स्टूडेंट्स प्रति फैकल्टी मेंबर है।
साइटेशंस प्रति फैकल्टी 54.1/100: संस्थान की रैंकिंग में रिसर्च आउटपुट अहम स्थान रखता है। साइटेशंस की संख्या के लिए पांच साल में हुए रिसर्च को शामिल किया जाता है। आईआईटी-बॉम्बे में के कई ऐसे रिसर्च प्रॉजेक्ट्स पर काम चल रहा है जिसमें अहम क्षेत्रों पर फोकस किया गया है।
क्यूएस (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, बॉम्बे (आईआईटी-बी) ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले साल इस रैंकिंग में आईआईटी-बी 179वें पायदान पर था जबकि इस साल 17 स्थानों की उछाल के साथ 162वें नंबर पर पहुंच गया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बुधवार को जारी की गई है।
100 में से कुल 48.2 स्कोर के साथ-साथ आईआईटी-बी भारत के टॉप रैंक पाने वाले संस्थान में शामिल है। इसे ऐकडेमिक रेप्युटेशन में 52.5 स्कोर, एंप्लॉयर रेप्युटेशन में 72.9, साइटेशन पर फैकल्टी में 54.1, फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियो में 43.3, इंटरनैशल फैकल्टी में 4.4 और इंटरनैशनल स्टूडेंट्स में 1.8 स्कोर मिले हैं। सभी स्कोर अधिकतम 100 में से दिए गए हैं।
इंस्टिट्यूट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'जिन छह पैमानों पर रैंकिंग की गई हैं, उनमें से एंप्लॉयर रेप्युटेशन में आईआईटी बॉम्बे की मजबूत स्थिति है जिसमें इसे विश्व भर में 93वीं रैंक मिली है। क्यूएस द्वारा साल 2014 में जारी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स के समय से आईआईटी बॉम्बे 71 पायदान ऊपर पहुंचा है।'
पिछले साल 172वीं रैंक के साथ आईआईटी-दिल्ली टॉप रैंक पाने वाले भारतीय संस्थान में शामिल था। इस साल आईआईटी-दिल्ली भी इस रैंक में है लेकिन इसका स्थान 172 है जिसे बेंगलुरु स्थिति इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ने 170वीं रैंक लाकर पीछे छोड़ दिया है जबकि आईआईएससी बेंगलुरु की पिछले साल रैंक 190 थी। दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई का प्रदर्शन पिछले साल की तरह ही काफी खराब रहा है जिसे 801-1000 रैंकिंग के बीच रखा गया है।
आईआईटी-बी के निदेशक देवांग खाखर ने बताया, 'फैकल्टी और स्टूडेंट्स एजुकेशन और रिसर्च के मैदान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रैंकिंग में बढ़ोतरी हमारी सभी गतिविधियों में लगातार सुधार को दिखाता है।'
इस साल टॉप 500 में भारत की नौ यूनिवर्सिटियां और सात आईआईटीज-आईआईटी, मद्रास (264); आईआईटी, कानुपर (283); आईआईटी, खड़गपुर (295); यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली (487) पहुंचे हैं। 20 से ज्यादा भारतीय यूनिवर्सिटियां टॉप 1000 में शामिल हैं।
इस साल भी क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में अमेरिका संस्थानों का दबदबा रहा है। लगातार सातवें साल मैसचूसट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी ने पहली पोजिशन हासिल की है।
क्या है कॉकरेली साइमंस-क्यूएस (Quacquarelli Symonds-QS) वर्ल्ड रैंकिंग्स?
हर साल क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स प्रकाशित की जाती है। किसी भी संस्थान की रैंकिंग छह मापदंडों पर तय की जाती है जो ऐकडेमिक रेप्युटेशन, एंप्लॉयर रेप्युटेशन, फैकल्टी स्टूडेंट रेशियो, साइटेशंस पर फैकल्टी, इंटरनैशनल फैकल्टी रेशियो और इंटरनैशनल स्टूडेंट रेशियो हैं।
आईआईटी-बी की 162 रैंकिंग का विस्तृत ब्योरा
ऐकडेमिक रेप्युटेशन-52.5/100: क्यूएस किसी यूनिवर्सिटी में टीचिंग और रिसर्च क्वॉलिटी के संबंध में उच्च शिक्षा जगत से जुड़े 80,000 से ज्यादा लोगों का विचार जमा करता है। आईआईटी बॉम्बे को कंप्यूटर साइंस, सिविल, केमिकल, इलेक्ट्रिकल, मकैनिकल इंजिनियरिंग, मटीरियल्स साइंस जैसे विषयों पर खासतौर पर ज्यादा फोकस करने से यह स्कोर मिला है।
एंप्लॉयर रेप्युटेशन-72.9/100: क्यूएस एंप्लॉयर सर्वे के हिस्से के तौर पर 40,000 रिस्पॉन्स संग्रह किए गए। इसके आधार पर उन संस्थानों की पहचान की गई जो सर्वाधिक सक्षम, इनोवेटिव और प्रभावी ग्रैजुएट्स मुहैया कराते हैं। आईआईटी-बॉम्बे में हर साल दुनिया की बड़ी कंपनियां जैसे ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट और स्टार्टअप्स कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लेते हैं।
फैकल्टी स्टूडेंट रेशियो-43.3/100: प्रति छात्र फैकल्टी मेंबर्स की ज्यादा संख्या होने से शैक्षिक दबाव कम होता है। आईआईटी-बॉम्बे में 9,000 से ज्यादा छात्र हैं और 870 के करीब फैकल्टी हैं जिनमें 19 इंटरनैशनल फैकल्टी हैं। इसका मतलब है कि 10 स्टूडेंट्स प्रति फैकल्टी मेंबर है।
साइटेशंस प्रति फैकल्टी 54.1/100: संस्थान की रैंकिंग में रिसर्च आउटपुट अहम स्थान रखता है। साइटेशंस की संख्या के लिए पांच साल में हुए रिसर्च को शामिल किया जाता है। आईआईटी-बॉम्बे में के कई ऐसे रिसर्च प्रॉजेक्ट्स पर काम चल रहा है जिसमें अहम क्षेत्रों पर फोकस किया गया है।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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