नई दिल्ली
सोमवार यानी 16 जुलाई, 2018 से सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के कंपार्टमेंट एग्जाम शुरू हुए। इस बार परीक्षा को लीकप्रूफ बनाने के लिए सीबीएसई ने खास प्रयास के तहत कोड वाले क्वेस्चन पेपर का प्रयोग किया जो सफल रहा। सीबीएसई के सेक्रटरी अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि सभी सेंटर्स में यह पायलट प्रॉजेक्ट कामयाब रहा। आइये इसकी खास बातें जानते हैं...
1-32 एग्जाम सेंटरों पर 10वीं के कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए इन्क्रिप्टेड (कोड वाले) क्वेस्चन पेपर भेजे गए।
2-सोमवार को आयोजित परीक्षा के लिए सेंटरों को सीधे तौर पर क्वेस्चन पेपर्स भेजे गए थे।
3-परीक्षा से 30 मिनट पहले सेंटरों को क्वेस्चन पेपर और पासवर्ड मिले।
4-परीक्षा केंद्र के प्रभारियों ने पासवर्ड का इस्तेमाल करके क्वेस्चन पेपर को प्रिंट किया और छात्रों के बीच बांटा।
5-इस पायलट प्रॉजेक्ट पर 25 जुलाई तक आयोजित होने वाले कंपार्टमेंट एग्जाम में अमल किया जाएगा।
6-इस साल 12वीं के इकनॉमिक्स का पेपर लीक हो गया था जिससे बोर्ड की काफी बदनामी हुई थी। इस घटना के बाद सीबीएसई ने लीकप्रूफ एग्जाम आयोजित कराने की दिशा में कदम उठाना शुरू किया।
7-एचआरडी मिनिस्ट्री ने पूर्व एचआरडी सचिव विनय शील ओबेरॉय के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन किया था।
8-कमिटी में पूर्व सीबीएसई कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशंस और सचिव उत्तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड पवनेश कुमार, पूर्व एनसीईआरटी निदेशक और एनसीटीई के चेयरमैन जे.एस.राजपूत, एसएनडीटी महिला यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस चांसलर वसुधा कामत और पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी सदस्य के तौर पर शामिल थे।
9-कमिटी को टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके एग्जाम को सुरक्षित और लीकप्रूफ बनाने के लिए सुझाव देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
10-कमिटी को 31 मई तक अपनी रिपोर्ट जमा करने को कहा गया था।
सोमवार यानी 16 जुलाई, 2018 से सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के कंपार्टमेंट एग्जाम शुरू हुए। इस बार परीक्षा को लीकप्रूफ बनाने के लिए सीबीएसई ने खास प्रयास के तहत कोड वाले क्वेस्चन पेपर का प्रयोग किया जो सफल रहा। सीबीएसई के सेक्रटरी अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि सभी सेंटर्स में यह पायलट प्रॉजेक्ट कामयाब रहा। आइये इसकी खास बातें जानते हैं...
1-32 एग्जाम सेंटरों पर 10वीं के कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए इन्क्रिप्टेड (कोड वाले) क्वेस्चन पेपर भेजे गए।
2-सोमवार को आयोजित परीक्षा के लिए सेंटरों को सीधे तौर पर क्वेस्चन पेपर्स भेजे गए थे।
3-परीक्षा से 30 मिनट पहले सेंटरों को क्वेस्चन पेपर और पासवर्ड मिले।
4-परीक्षा केंद्र के प्रभारियों ने पासवर्ड का इस्तेमाल करके क्वेस्चन पेपर को प्रिंट किया और छात्रों के बीच बांटा।
5-इस पायलट प्रॉजेक्ट पर 25 जुलाई तक आयोजित होने वाले कंपार्टमेंट एग्जाम में अमल किया जाएगा।
6-इस साल 12वीं के इकनॉमिक्स का पेपर लीक हो गया था जिससे बोर्ड की काफी बदनामी हुई थी। इस घटना के बाद सीबीएसई ने लीकप्रूफ एग्जाम आयोजित कराने की दिशा में कदम उठाना शुरू किया।
7-एचआरडी मिनिस्ट्री ने पूर्व एचआरडी सचिव विनय शील ओबेरॉय के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन किया था।
8-कमिटी में पूर्व सीबीएसई कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशंस और सचिव उत्तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड पवनेश कुमार, पूर्व एनसीईआरटी निदेशक और एनसीटीई के चेयरमैन जे.एस.राजपूत, एसएनडीटी महिला यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस चांसलर वसुधा कामत और पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी सदस्य के तौर पर शामिल थे।
9-कमिटी को टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके एग्जाम को सुरक्षित और लीकप्रूफ बनाने के लिए सुझाव देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
10-कमिटी को 31 मई तक अपनी रिपोर्ट जमा करने को कहा गया था।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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