नई दिल्ली
देश में पिछले ऐपल हेड संजय कॉल की सेल्स स्ट्रेटजी को खत्म कर ऐपल इंडिया के नए हेड माइकल कोलंब ऐपल प्रॉडक्ट्स के लिए नई सेल्स रणनीति बना रहे हैं। अब भारत में आईफोन्स, आईपैड और मैक कंप्यूटर्स को एक 'ऑर्गनाइज्ड डिस्ट्रीब्यूशन' के तहत बेचा जाएगा। इसका मतलब है कि ग्राहकों को अब ऐपल प्रॉडक्ट्स पर बेहद कम डिस्काउंट मिलेगा क्योंकि डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या को सीमित कर दिया गया है और कंपनी कीमतों को मेंटेन करने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
इस मामले से जुड़े तीन लोगों ने बताया था कि ऐप के इस कदम के पीछे कारण है कि ब्रैंड को डिस्ट्रीब्यूटर्स को खुली छूट देकर उन्हें किसी भी रिटेलर को प्रॉडक्ट बेचने के चलते ब्रैंड की पकड़ कमजोर हुई है। ऐपल के एक बड़े ट्रेड पार्टनर के एग्जिक्युटिव ने कहा कि इससे पहले ऐपल इंडिया की 'ओपन डिस्ट्रीब्यूशन' रणनीति के चलते ऑफलाइन ट्रेड पार्टनर्स में काफी असंतोष बढ़ गया था। डिस्ट्रीब्यूटर्स टारगेट पूरा करने के लिए और ऑनलाइन मिलने वाले डिस्काउंट्स के लिए प्रॉडक्ट्स पर डिस्काउंट के साथ बेच रहे थे जिससे करीब हर रोज कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहे थे। इन रणनीतियों के चलते ऐपल को भी एक डिस्काउंटेड ब्रैंड के तौर पर लिया जाने लगा था। अब भारत में नए ऐपल हेड ने इन कारणों की समीक्षा करने के बाद नए बदलाव कर रहे हैं।
एक एग्जिक्युटिव ने कहा कि दिसंबर में ऐपल हेड बने कोलंब सिर्फ दो नैशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ ही काम करेंगे। इनग्रैम माइक्रो एंड रेडिंग्टनडॉटब्राइटस्टार और राशि पेरिफेरल्स व एचसीएल इन्फोसिस्टम के साथ साझेदारी खत्म होगी। उनका मानना है कि दो नैशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स देश में ऐप प्रॉडक्ट पहुंचाने के लिए पर्याप्त होंगे।
इसके अलावा, नई रणनीति के तहत ऐपल सीधे खुद बड़े रिटेलर्स और ऑनलाइन पार्टनर्स को प्रॉडक्ट बेचेगी जिससे कीमतों पर पहले से बेहतर कंट्रोल रहेगा। इस सबको मुंबई के पास भिवंडी में बने ऐपल के नए डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर से संचालित किया जाएगा। इससे पहपले, ऐपल इंडिया ने अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स को सेल्स टारगेट पूरा करने के चलते खुली छूट दे रखी थी।
एक सूत्र के मुताबिक, 'अभी भी ऐपल प्रॉडक्ट्स के लिए स्पेशल प्रमोशंस मिलते रहेंगे, लेकिन अब बड़ी कटौती के दिन जा चुके हैं।' सूत्र के कहा कि एचसीएल और ब्राइटस्टार के साथ कारोबार खत्म करने की जानकारी दे दी है जबकि राशि पेरिफेरल्स को भी जल्द ही इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा। ये साझेदारियां अगले साल से खत्म हो जाएंगी।
देश में पिछले ऐपल हेड संजय कॉल की सेल्स स्ट्रेटजी को खत्म कर ऐपल इंडिया के नए हेड माइकल कोलंब ऐपल प्रॉडक्ट्स के लिए नई सेल्स रणनीति बना रहे हैं। अब भारत में आईफोन्स, आईपैड और मैक कंप्यूटर्स को एक 'ऑर्गनाइज्ड डिस्ट्रीब्यूशन' के तहत बेचा जाएगा। इसका मतलब है कि ग्राहकों को अब ऐपल प्रॉडक्ट्स पर बेहद कम डिस्काउंट मिलेगा क्योंकि डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या को सीमित कर दिया गया है और कंपनी कीमतों को मेंटेन करने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
इस मामले से जुड़े तीन लोगों ने बताया था कि ऐप के इस कदम के पीछे कारण है कि ब्रैंड को डिस्ट्रीब्यूटर्स को खुली छूट देकर उन्हें किसी भी रिटेलर को प्रॉडक्ट बेचने के चलते ब्रैंड की पकड़ कमजोर हुई है। ऐपल के एक बड़े ट्रेड पार्टनर के एग्जिक्युटिव ने कहा कि इससे पहले ऐपल इंडिया की 'ओपन डिस्ट्रीब्यूशन' रणनीति के चलते ऑफलाइन ट्रेड पार्टनर्स में काफी असंतोष बढ़ गया था। डिस्ट्रीब्यूटर्स टारगेट पूरा करने के लिए और ऑनलाइन मिलने वाले डिस्काउंट्स के लिए प्रॉडक्ट्स पर डिस्काउंट के साथ बेच रहे थे जिससे करीब हर रोज कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहे थे। इन रणनीतियों के चलते ऐपल को भी एक डिस्काउंटेड ब्रैंड के तौर पर लिया जाने लगा था। अब भारत में नए ऐपल हेड ने इन कारणों की समीक्षा करने के बाद नए बदलाव कर रहे हैं।
एक एग्जिक्युटिव ने कहा कि दिसंबर में ऐपल हेड बने कोलंब सिर्फ दो नैशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ ही काम करेंगे। इनग्रैम माइक्रो एंड रेडिंग्टनडॉटब्राइटस्टार और राशि पेरिफेरल्स व एचसीएल इन्फोसिस्टम के साथ साझेदारी खत्म होगी। उनका मानना है कि दो नैशनल डिस्ट्रीब्यूटर्स देश में ऐप प्रॉडक्ट पहुंचाने के लिए पर्याप्त होंगे।
इसके अलावा, नई रणनीति के तहत ऐपल सीधे खुद बड़े रिटेलर्स और ऑनलाइन पार्टनर्स को प्रॉडक्ट बेचेगी जिससे कीमतों पर पहले से बेहतर कंट्रोल रहेगा। इस सबको मुंबई के पास भिवंडी में बने ऐपल के नए डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर से संचालित किया जाएगा। इससे पहपले, ऐपल इंडिया ने अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स को सेल्स टारगेट पूरा करने के चलते खुली छूट दे रखी थी।
एक सूत्र के मुताबिक, 'अभी भी ऐपल प्रॉडक्ट्स के लिए स्पेशल प्रमोशंस मिलते रहेंगे, लेकिन अब बड़ी कटौती के दिन जा चुके हैं।' सूत्र के कहा कि एचसीएल और ब्राइटस्टार के साथ कारोबार खत्म करने की जानकारी दे दी है जबकि राशि पेरिफेरल्स को भी जल्द ही इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा। ये साझेदारियां अगले साल से खत्म हो जाएंगी।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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